साहूकार के सात लड़के, एक लड़की की कहानी | करवा चौथ की पौराणिक व्रत कहानी
करवा चौथ पर व्रतियों को करवा माता की कथा पढना चाहिए। इस कथा को पढने से सुहाग की उम्र लंबी होती है। इसलिए आप भी करवा चौथ व्रत के समय यह कथा जरूर पढ़ें।
Karwa Chauth 2023 Vrat Katha: दांपत्य जीवन में मधुरता लाने वाला और संबंधों को अधिक मजबूत बनाने वाला त्योहार करवा चौथ इस बार हिन्दू कैलेंडर 1 नवम्बर, को यानी आज है।
आज सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत कर रही और शाम को चांद को अर्घ्य देकर और छलनी से पति का चेहरा देखकर व्रत तोड़ेंगी।
वहीं कुंवारी कन्याएं मनोनुकूल पति की प्राप्ति के लिए इस दिन निर्जला व्रत रखकर तारों को देखेंगी फिर व्रत खोलेंगी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं करवा चौथ के व्रत में पढ़ी जाने वाली पूरा कथा….
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करवा चौथ की कहानी है कि, देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहती थीं।
एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और नदी में खिंचने लगा।
मृत्यु करीब देखकर करवा के पति करवा को पुकारने लगे। करवा दौड़कर नदी के पास पहुंचीं और पति को मृत्यु के मुंह में ले जाते मगर को देखा।
करवा ने तुरंत एक कच्चा धागा लेकर मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया। करवा के सतीत्व के कारण मगरमच्छा कच्चे धागे में ऐसा बंधा की टस से मस नहीं हो पा रहा था। करवा के पति और मगरमच्छ दोनों के प्राण संकट में फंसे थे।
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करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने के लिए कहा।
यमराज ने कहा मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि अभी मगरमच्छ की आयु शेष है और तुम्हारे पति की आयु पूरी हो चुकी है।
क्रोधित होकर करवा ने यमराज से कहा, अगर आपने ऐसा नहीं किया तो मैं आपको शाप दे दूंगी। सती के शाप से भयभीत होकर यमराज ने तुरंत मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया और करवा के पति को जीवनदान दिया।
इसलिए करवाचौथ के व्रत में सुहागन स्त्रियां करवा माता से प्रार्थना करती हैं कि हे करवा माता जैसे आपने अपने पति को मृत्यु के मुंह से वापस निकाल लिया वैसे ही मेरे सुहाग की भी रक्षा करना।
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करवा माता की तरह सावित्री ने भी कच्चे धागे से अपने पति को वट वृक्ष के नीचे लपेट कर रख था।
कच्चे धागे में लिपटा प्रेम और विश्वास ऐसा था कि यमराज सावित्री के पति के प्राण अपने साथ लेकर नहीं जा सके।
सावित्री के पति के प्राण को यमराज को लौटाना पड़ा और सावित्री को वरदान देना पड़ा कि उनका सुहाग हमेशा बना रहेगा और लंबे समय तक दोनों साथ रहेंगे।
करवा चौथ माता की जय !
करवा चौथ माता की जय !